Shiv Khori Gufa (शिव खोरी गुफा) जम्मू और कश्मीर, भारत में स्थित एक पवित्र धार्मिक स्थल है। यह गुफा भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है और इसे विश्वस्तरीय तौर पर दर्शनीय स्थलों में से एक माना जाता है। यह गुफा विशाखा जिले के रेण्या तहसील में स्थित है और पटनीतॉप नगर से लगभग 70 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
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Shiv Khori Gufa के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का वर्णन निम्नलिखित है:
गुफा का रहस्य: Shiv Khori Gufa एक प्राचीन गुफा है जिसमें एक लंबी गुफा है जो लगभग 150 मीटर लंबी है। इस गुफा को प्राकृतिक स्थल के रूप में स्वीकारा जाता है और इसमें स्थित शिवलिंग को मान्यता है कि यह अपने आप में शिव के प्रतीक को दर्शाता है।
1. शिवलिंग और त्रिशूल: गुफा में एक शिवलिंग बना हुआ है जिसे भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इसके साथ ही, गुफा में भगवान शिव के त्रिशूल का भी दर्शन किया जा सकता है।
2.ज्योति रूप शिवलिंग: गुफा में एक रहस्यमयी चमकती हुई शिवलिंग भी है, जिसे ज्योति रूप शिवलिंग कहा जाता है। यह शिवलिंग आत्मज्योति के रूप में जाना जाता है और यहां पर श्रद्धालु आराधना और आरती करते हैं।
3.नागा भवन: गुफा में नागा भवन भी है, जिसमें नाग देवताओं के मूर्तियां स्थापित हैं। नाग पूजा गुफा में भगवान शिव की पूजा का अनिवार्य भाग है।
4.महाशिवरात्रि मेला: गुफा में हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं।
5.गुफा के रूपरेखा: Shiv Khori Gufa के अंदर जाने के लिए, आपको एक लंबी चढ़ाई यात्रा करनी पड़ेगी। यात्रा करने के लिए, गुफा के पास प्रबंधित रूप से बनाए गए मार्ग का पालन करना होगा।
कृपया ध्यान दें कि मेरी जानकारी सितंबर 2021 में रुकी हुई है और वर्तमान समय में कुछ बदल चुका हो सकता ह
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Shiv Khori Gufa को जम्मू से पहुंचने के लिए कुछ सरल तरीके हैं। मैं यहां कुछ महत्वपूर्ण तरीके बता रहा हूँ:
बस: जम्मू से Shiv Khori Gufa तक बस सेवा उपलब्ध है। जम्मू के बस स्टैंड से आप एक बस पकड़कर Ransoo जाएं, जो Shiv Khori Gufa के नजदीक है। रेन्सू से गुफा तक आप टैक्सी, ऑटोरिक्शा या खुद की गाड़ी सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
टैक्सी / खुद की गाड़ी: जम्मू से Shiv Khori Gufa तक टैक्सी या खुद की गाड़ी का इस्तेमाल करने से भी गुफा पहुंचा जा सकता है। यह आपको अधिक स्वतंत्रता और आराम प्रदान करता है क्योंकि आप अपने अनुसार रुकने और घूमने का समय निर्धारित कर सकते हैं।
रेल: जम्मू तक रेल सेवा भी उपलब्ध है। जम्मू रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या बस सेवा का उपयोग करके Shiv Khori Gufa तक पहुंच सकते हैं।
गुफा पहुंचने से पहले, आपको अपने यात्रा की तिथि और समय की जाँच कर लेनी चाहिए और अपनी यात्रा की तैयारियों को ठीक से करना न भूलें। यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों से भी सलाह लेना फायदेमंद होगा, जिससे आपकी यात्रा आसान और सुरक्षित रहे।
कृपया ध्यान दें कि यात्रा करने से पहले, गुफा जाने के नियम, विधियाँ, और स्थान के दर्शन सम्बंधित अपडेटेड जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय अधिकारियों या स्थानीय पर्यटन विभाग से संपर्क करें।
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What is the story of Shivkhori cave? Shivkhori gufa ki kahani kya hai
Shiv Khori Gufa की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। इसके अनुसार, शिव खोरी गुफा भगवान शिव के भव्य लीला के अनुभव का स्थान माना जाता है। गुफा की भव्यता को देखकर कहा जाता है कि भगवान शिव यहां समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठानों और लीलाओं के लिए प्रकट होते हैं। इस गुफा के बारे में निम्नलिखित रूपांतरण कहानी मशहूर है:
कहते हैं कि एक बार शिव खोरी गुफा में पूर्वकालीन समय में एक भगवान दत्तात्रेय के शिष्य अपारसेन नामक ऋषि ने तपस्या करते हुए भगवान शिव से दर्शन की इच्छा की। उनकी इच्छा को पूरा करते हुए भगवान शिव ने अपारसेन को गुफा के अंदर प्रवेश के लिए आमंत्रित किया। भगवान शिव ने उनसे कहा कि वे गुफा के अंदर अपने से कुछ नहीं देख पाएंगे, जो कि उन्हें अगले सप्ताह के बाद वापस आना होगा।
अपारसेन ने भगवान के आदेश का पालन करते हुए गुफा के अंदर प्रवेश किया और अपनी भक्ति और ध्यान से भगवान शिव की पूजा की। उनकी तपस्या के पश्चात जब उन्होंने गुफा से बाहर निकलने का समय आया, तो वे इतनी रूचि में थे कि उन्होंने भगवान शिव के कहे तो उन्हें वापस नहीं आने दिया। उन्होंने गुफा के अंदर ही रहकर अपनी तपस्या जारी रखी और भगवान शिव की ध्यान में लगे रहे।
गुफा में अधिक समय बिताने से अपारसेन की प्राण-शक्ति में वृद्धि हो गई और उन्हें दिव्य शक्तियां प्राप्त हुईं। उनके शक्तिपूर्वक ध्यान के कारण गुफा के अंदर वृद्धि होते देखकर लोगों ने उसे शिव खोरी (Shiv Khori) कहना शुरू कर दिया। उस दिन से यह स्थान "Shiv Khori Gufa" के रूप में प्रसिद्ध हो गया है और लाखों भक्त यहां पर भगवान शिव की आराधना करने के लिए आते हैं।
गुफा में ज्योतिर्लिंग के रूप में विशेष शिवलिंग के दर्शन के लिए महाशिवरात्रि के दिन एक विशेष मेला आयोजित किया जाता है और इस दिन लाखों भक्त गुफा की यात्रा करते हैं।
What is Shivkhori famous for? Shivkhori kis cheej ke liye famous hai
Shiv Khori धार्मिक दृष्टिकोन से विश्वस्तरीय प्रसिद्ध है, जिसे भगवान शिव के प्रति भक्ति और आराधना के लिए जाना जाता है। यह एक पवित्र धार्मिक स्थल है जो हिंदू धर्म के शिव भक्तों के लिए खास महत्व रखता है।
Shiv Khori Gufa में विशेष रूप से भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग (Shiva Linga) के दर्शन के लिए लाखों भक्त आते हैं। इस गुफा के अंदर भगवान शिव की धार्मिक अनुष्ठानों और लीलाओं के लिए माना जाता है कि भगवान शिव यहां समय-समय पर प्रकट होते हैं। महाशिवरात्रि के दिन गुफा में एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है और इस दिन भक्तों की भीड़ बड़ी होती है जो शिवलिंग की पूजा करने के लिए आते हैं।
यहां के शिवलिंग को "ज्योतिर्लिंग" के रूप में जाना जाता है, जो कि भगवान शिव की अनुभूति और दिव्य ज्ञान का प्रतीक है। इसके अलावा, गुफा में नागा भवन भी है, जो नाग देवताओं की पूजा का स्थान है और यहां भक्त नाग पूजा भी करते हैं।
इसके साथ ही, Shiv Khori को विशेष महत्वपूर्ण बनाने वाली एक और विशेषता है, जो है गुफा के अंदर रहस्यमयी चमकती हुई शिवलिंग जिसे "ज्योति रूप शिवलिंग" कहा जाता है। इस लिंग को ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है और यहां पर श्रद्धालु आराधना और आरती करते हैं।
इस प्रकार, Shiv Khori Gufa भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यहां प्रतिवर्ष लाखों भक्त भगवान शिव की पूजा और आराधना करने के लिए आते हैं।
How long is the Shiv Khori trek? Shiv Khori trek ki chadai me kitna samay lagta hai
Shiv Khori Gufa की यात्रा एक ट्रेकिंग यात्रा है और इसमें लगने वाला समय यात्री के फिजिकल कंडीशन, रूट का चयन और चलने की गति पर निर्भर करता है। आम तौर पर, शिव खोरी गुफा तक ट्रेकिंग के लिए लगभग 2-3 घंटे तक का समय लग सकता है। यह समय बदलता भी है यदि आप अधिक विश्राम करते हैं या रास्ते में किसी सुंदर स्थल को देखने का आनंद लेते हैं।
यह ट्रेक तत्कालीन तौर पर थोड़ी त्रिक्कट और ढाल वाली होती है, जिसमें धीरे धीरे ऊंचाई बढ़ती है। आपको इस यात्रा के लिए सुरंग विश्राम स्थल तक पहुंचने के लिए कुछ कड़े सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जिसमें आपको थोड़ा सा मेहनत करना पड़ सकता है। यात्रा के दौरान आपको प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी मिलता है, जिससे इसका अनुभव और भी रमणीय बन जाता है।
इसलिए, शिव खोरी गुफा की ट्रेकिंग में आपको लगभग 2 से 3 घंटे का समय निकालना चाहिए, लेकिन यह समय व्यक्ति के शारीरिक तथा मानसिक तैयारी और स्थानीय शर्तों के अनुसार बदल सकता है। आपको यात्रा करने से पहले अपने स्वास्थ्य और यात्रा से संबंधित तैयारियों को ध्यान में रखना जरूरी है।
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